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    Home » Chalisa » Lakshmi Chalisa | श्री लक्ष्मी चालीसा

    Lakshmi Chalisa | श्री लक्ष्मी चालीसा

    Manoj VermaBy Manoj Verma23/11/2024No Comments5 Mins Read
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    laxmi chalisa
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    Maa Lakshmi Chalisa: माँ लक्ष्मी को धन-धान्य, सुख समृद्धि एवं वैभव की देवी है उनको प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन करें लक्ष्मी चालीसा का पाठ, और करें अपने कष्टों को दूर।

    यहाँ प्रस्तुत है संपूर्ण श्री लक्ष्मी चालीसा
    ( Shri Lakshmi Chalisa ) हिंदी में।

    ॥ दोहा ॥
    मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास।
    मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥

    ॥ सोरठा ॥
    यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं।
    सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका।

    ॥ चौपाई ॥
    सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
    ज्ञान, बुद्धि, विद्या दो मोही॥

    तुम समान नहिं कोई उपकारी।
    सब विधि पुरवहु आस हमारी॥

    जय जय जगत जननि जगदम्बा।
    सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥

    तुम ही हो सब घट घट वासी।
    विनती यही हमारी खासी॥

    जगजननी जय सिन्धु कुमारी।
    दीनन की तुम हो हितकारी॥

    विनवौं नित्य तुमहिं महारानी।
    कृपा करौ जग जननि भवानी॥

    केहि विधि स्तुति करौं तिहारी।
    सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

    कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी।
    जगजननी विनती सुन मोरी॥

    ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता।
    संकट हरो हमारी माता॥

    क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो।
    चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥

    चौदह रत्न में तुम सुखरासी।
    सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

    जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा।
    रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥

    स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा।
    लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

    तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं।
    सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥

    अपनाया तोहि अन्तर्यामी।
    विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

    तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी।
    कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥

    मन क्रम वचन करै सेवकाई।
    मन इच्छित वाञ्छित फल पाई॥

    तजि छल कपट और चतुराई।
    पूजहिं विविध भाँति मनलाई॥

    और हाल मैं कहौं बुझाई।
    जो यह पाठ करै मन लाई॥

    ताको कोई कष्ट नोई।
    मन इच्छित पावै फल सोई॥

    त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि।
    त्रिविध ताप भव बन्धन हारिणी॥

    जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै।
    ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥

    ताकौ कोई न रोग सतावै।
    पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

    पुत्रहीन अरु सम्पति हीना।
    अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥

    विप्र बोलाय कै पाठ करावै।
    शंका दिल में कभी न लावै॥

    पाठ करावै दिन चालीसा।
    ता पर कृपा करैं गौरीसा॥

    सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै।
    कमी नहीं काहू की आवै॥

    बारह मास करै जो पूजा।
    तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥

    प्रतिदिन पाठ करै मन माही।
    उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

    बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई।
    लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥

    करि विश्वास करै व्रत नेमा।
    होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा॥

    जय जय जय लक्ष्मी भवानी।
    सब में व्यापित हो गुण खानी॥

    तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं।
    तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

    मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै।
    संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥

    भूल चूक करि क्षमा हमारी।
    दर्शन दजै दशा निहारी॥

    बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी।
    तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥

    नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में।
    सब जानत हो अपने मन में॥

    रुप चतुर्भुज करके धारण।
    कष्ट मोर अब करहु निवारण॥

    केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई।
    ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई॥

    ॥ दोहा ॥
    त्राहि त्राहि दुःख हारिणी,हरो वेगि सब त्रास।
    जयति जयति जय लक्ष्मी,करो शत्रु को नाश॥

    रामदास धरि ध्यान नित,विनय करत कर जोर।
    मातु लक्ष्मी दास पर,करहु दया की कोर॥

    लक्ष्मी चालीसा पाठ: विधि और लाभ

    क्या आप जानते हैं कि माँ लक्ष्मी की पूजा और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष विधि-विधान हैं? यदि इन विधियों का पालन करते हुए पूजा और पाठ किया जाए, तो माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है। आइए जानते हैं लक्ष्मी चालीसा के पाठ की विधि और इससे मिलने वाले लाभ।

    लक्ष्मी चालीसा पाठ के लाभ

    माँ लक्ष्मी को आरती और पूजा के साथ-साथ लक्ष्मी चालीसा का पाठ भी अत्यंत प्रिय है। इसका नियमित पाठ करने से देवी माँ प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं। इसके अलावा, लक्ष्मी चालीसा पाठ से मिलने वाले प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

    1. धन और सुख-शांति की प्राप्ति: माँ लक्ष्मी का पाठ करने से जीवन में कभी धन, सुख और शांति की कमी नहीं होती।
    2. वैवाहिक जीवन में सुधार: जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएँ हैं, वे भी लक्ष्मी चालीसा का पाठ करके अपने जीवन की परेशानियाँ दूर कर सकते हैं।
    3. यश और प्रतिष्ठा: पाठ से न केवल धन, बल्कि समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है।
    4. गौरव और ऐश्वर्य: जो व्यक्ति नियमित रूप से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करता है, उसे गौरव और ऐश्वर्य मिलने में देर नहीं लगती।

    कब करना चाहिए लक्ष्मी चालीसा का पाठ

    जो व्यक्ति धन, यश और ऐश्वर्य की इच्छा रखता है, उसे शुक्रवार के दिन विधि-विधान से माँ लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

    लक्ष्मी चालीसा पाठ की विधि

    1. सुबह जल्दी उठें और शौच व स्नान से शुद्ध हो जाएं।
    2. नहाने के बाद लाल, गुलाबी या सफेद रंग के साफ कपड़े पहनें।
    3. अपने पूजा स्थल पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर लाल कपड़े में लपेटकर स्थापित करें। साथ में भगवान गणेश की मूर्ति भी रखें।
    4. माँ लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं और कुमकुम से टीका लगाएं।
    5. गुलाब की सुगंध वाली धूप, कमल का फूल, इत्र, चंदन, अबीर, गुलाल, और अक्षत चढ़ाएं।
    6. अपने हाथों से खीर बनाएं और माँ लक्ष्मी को भोग लगाएं।
    7. माँ की आरती करें और फिर शांत चित्त से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
    8. पाठ समाप्त करने के बाद माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद लें और प्रसाद अपने परिवारजनों में बाँट दें।

    निष्कर्ष

    अगर आप इस विधि से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करेंगे, तो माँ लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होंगी और आपके जीवन से सभी कठिनाइयों का अंत होगा। साथ ही, आपके जीवन में धन, सुख और ऐश्वर्य का आगमन होगा।

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    Manoj Verma
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    मेरा नाम मनोज वर्मा है, और मैं SampurnChalisa.in का Founder & Author हूँ। मुझे धार्मिक ग्रंथों और चालीसाओं का गहन अध्ययन और लेखन का शौक है। इस वेबसाइट के माध्यम से मेरा उद्देश्य भक्तों को सरल और सटीक जानकारी प्रदान करना है ताकि वे अपने आध्यात्मिक जीवन को और समृद्ध बना सकें।

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