भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से आप सभी भलिभांति परिचित है और उनके बाल स्वरूप की ढ़ेर सारी लीलाए है, जिसमें उन्होने कई सारे अवगुणों को नाश करते है।
जो श्री कृष्ण के बाल स्वरूप श्री गोपाल लड्डू की पूजा-अर्चना करते है उनके सभी दुःख-कष्ट दूर हो जाते है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण भगवान विष्णु जी के ही अवतार माने जाते है. जब धरती पर कंस का अत्याचार बढ़ता जा रहा था तो उसका अंत करने हेतु भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में धरती पर जन्म लिया था।
जो कोई भी भगवान कृष्ण की अर्चना करता है उन्हें उनकी असीम कृपा को प्राप्त करता है. Gopal Chalisa का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके अलावा धन-ऐश्ववर्य में भी वृद्धि होती है.
।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।
।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।
श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।
जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।
खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।
ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।
ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।
काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।
चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।
नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।
अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।
व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।
पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।
भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।
गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।
ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।
ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।
देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।
जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।
।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।
संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।
।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।
Gopal Chalisa के फायदे
गोपाल चालीसा का पाठ नित्य करने से भक्तो को बहुत लाभ की प्राप्ति होती है, आइये, जानते है इनके लाभों के बारे में
- शास्त्रो के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने का महत्त्व है. पाठ करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते है.
- लड्डू गोपाल कहने मात्र से सभी तरह के पापों का नष्ट हो जाता है.
- गोपाल चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से दुश्मनों का सर्वनाश होता है.
- वैसे विवाहित दम्पति जिन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है उन्हें गोपाल चालीसा का पाठ करने से संतान की प्राप्ति होती है.
- पौराणिक कथाओं के अनुसार लड्डू गोपाल की सेवा करने से ऐसा कोई दोष नहीं है जो दूर नही हो सकता है.
- यदि घर में कलेश रहता है तो गोपाल चालीसा का पाठ करने से घर शांति एवं धन में वृद्धि होती है.
- गोपाल चालीसा पाठ आत्म विश्वास में वृद्धि करता है जिससे वह दिन दौगुनी रात चौगुनी तरक्की करता है.
Gopal Chalisa का पाठ कैसे करे?
- प्रातः सूर्यादय से पहले उठ जाएँ.
- नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान करे
- ताम्बे के लौटे में जल के साथ रोली, हल्दी, डाल कर सूर्य देवता को जल अर्पित करे .
- पूजा घर या घर के ईशान कोण में लकड़ी की चौकी लगायें , उस पर पीले रंग का साफ़ वस्त्र बिछाकर भगवान श्री कृष्ण की बाल अवस्था की मूर्ति या तस्वीर रखें.
- शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं.
- तांबे के बर्तन में थोडा जल रखे.
- अब चौकी के सामने आसन लगायें और सबसे पहले गणेश जी की पूजन एवं आरती करे.
- श्री गणेश जी को दूर्वा और मोदक का भोग लगायें.
- श्री गोपाल जी को माखन और मिश्री जी का भोग लगायें.
- अगर आपकी इच्छा है तो गोपाल जी को छप्पन भोग लगायें और गोपाल चालीसा का पाठ करे.
- इस प्रकार पाठ करने से आपकी सभी मनोकामना पूरी होंगी और श्री कृष्ण की असीम कृपा आपको प्राप्त होगी,
भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप, गोपाल की सेवा करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है साथ ही गोपाल chalisa का पाठ करने से भी आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी, तो गोपाल चालीसा का पाठ अवश्य करे.