Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    Shiva Aahvaan Mantra

    03/01/2025

    Laxmi Chalisa | माँ लक्ष्मी चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Kali Chalisa | माँ काली चालीसा (2025)

    25/12/2024
    Facebook X (Twitter) Instagram
    • Disclaimer
    • About Us
    • Contact Us
    • Affiliate Disclosure
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Sampurna Chalisa
    Demo
    • Home
    • Chalisa
      • Navgrah Chalisa | श्री नवग्रह चालीसा
      • Surya Chalisa | श्री सूर्य चालीसा
      • Durga Chalisa | श्री दुर्गा चालीसा
      • Krishna Chalisa | श्री कृष्ण चालीसा
      • Balaji Chalisa | श्री बालाजी चालीसा
      • Shyam Chalisa | श्री खाटू श्याम चालीसा
    • Aarti
      • Vishnu Aarti | भगवान विष्णु की आरती
      • Shani Aarti | शनि देव जी की आरती
      • Laxmi Aarti | माँ लक्ष्मी आरती
      • Shri Ram Aarti | श्रीराम आरती
      • Shiv Aarti | शिव आरती
      • Durga Mata Aarti | मां दुर्गा जी की आरती
    • Blog
    • About Us
    Sampurna Chalisa
    Home » Blog » Gayatri Chalisa | माँ गायत्री चालीसा

    Gayatri Chalisa | माँ गायत्री चालीसा

    Manoj VermaBy Manoj Verma25/12/2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Reddit Telegram Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    ॥ दोहा ॥
    हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।
    शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥
    जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम ।
    प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ॥

    ॥ चालीसा ॥
    भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी ।
    गायत्री नित कलिमल दहनी ॥१॥

    अक्षर चौबिस परम पुनीता ।
    इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ॥

    शाश्वत सतोगुणी सतरुपा ।
    सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥

    हंसारुढ़ सितम्बर धारी ।
    स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ॥४॥

    पुस्तक पुष्प कमंडलु माला ।
    शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥

    ध्यान धरत पुलकित हिय होई ।
    सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ॥

    कामधेनु तुम सुर तरु छाया ।
    निराकार की अदभुत माया ॥

    तुम्हरी शरण गहै जो कोई ।
    तरै सकल संकट सों सोई ॥८॥

    सरस्वती लक्ष्मी तुम काली ।
    दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥

    तुम्हरी महिमा पारन पावें ।
    जो शारद शत मुख गुण गावें ॥

    चार वेद की मातु पुनीता ।
    तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ॥

    महामंत्र जितने जग माहीं ।
    कोऊ गायत्री सम नाहीं ॥१२॥

    सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै ।
    आलस पाप अविघा नासै ॥

    सृष्टि बीज जग जननि भवानी ।
    काल रात्रि वरदा कल्यानी ॥

    ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते ।
    तुम सों पावें सुरता तेते ॥

    तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे ।
    जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ॥१६॥

    महिमा अपरम्पार तुम्हारी ।
    जै जै जै त्रिपदा भय हारी ॥

    पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना ।
    तुम सम अधिक न जग में आना ॥

    तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा ।
    तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ॥

    जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई ।
    पारस परसि कुधातु सुहाई ॥२०॥

    तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई ।
    माता तुम सब ठौर समाई ॥

    ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे ।
    सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ॥

    सकलसृष्टि की प्राण विधाता ।
    पालक पोषक नाशक त्राता ॥

    मातेश्वरी दया व्रत धारी ।
    तुम सन तरे पतकी भारी ॥२४॥

    जापर कृपा तुम्हारी होई ।
    तापर कृपा करें सब कोई ॥

    मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें ।
    रोगी रोग रहित है जावें ॥

    दारिद मिटै कटै सब पीरा ।
    नाशै दुःख हरै भव भीरा ॥

    गृह कलेश चित चिंता भारी ।
    नासै गायत्री भय हारी ॥२८ ॥

    संतिति हीन सुसंतति पावें ।
    सुख संपत्ति युत मोद मनावें ॥

    भूत पिशाच सबै भय खावें ।
    यम के दूत निकट नहिं आवें ॥

    जो सधवा सुमिरें चित लाई ।
    अछत सुहाग सदा सुखदाई ॥

    घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी ।
    विधवा रहें सत्य व्रत धारी ॥३२॥

    जयति जयति जगदम्ब भवानी ।
    तुम सम और दयालु न दानी ॥

    जो सदगुरु सों दीक्षा पावें ।
    सो साधन को सफल बनावें ॥

    सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी ।
    लहैं मनोरथ गृही विरागी ॥

    अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता ।
    सब समर्थ गायत्री माता ॥३६॥

    ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी ।
    आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ॥

    जो जो शरण तुम्हारी आवें ।
    सो सो मन वांछित फल पावें ॥

    बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ ।
    धन वैभव यश तेज उछाऊ ॥

    सकल बढ़ें उपजे सुख नाना ।
    जो यह पाठ करै धरि ध्याना ॥४०॥

    ॥ दोहा ॥
    यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय ।
    तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय ॥

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Manoj Verma
    • Website
    • Facebook

    मेरा नाम मनोज वर्मा है, और मैं SampurnChalisa.in का Founder & Author हूँ। मुझे धार्मिक ग्रंथों और चालीसाओं का गहन अध्ययन और लेखन का शौक है। इस वेबसाइट के माध्यम से मेरा उद्देश्य भक्तों को सरल और सटीक जानकारी प्रदान करना है ताकि वे अपने आध्यात्मिक जीवन को और समृद्ध बना सकें।

    Related Posts

    Shiva Aahvaan Mantra

    03/01/2025

    Vaishno Devi Chalisa | वैष्णो देवी चालीसा

    25/12/2024

    Kuber Chalisa | श्री कुबेर चालीसा

    25/12/2024

    Comments are closed.

    Demo
    Our Picks
    Stay In Touch
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    Don't Miss

    Shiva Aahvaan Mantra

    Blog 03/01/2025

    शिव आवाहन मंत्र भगवान शिव के मुख्य मंत्रों में से एक है, जिसका उपयोग उनकी…

    Laxmi Chalisa | माँ लक्ष्मी चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Kali Chalisa | माँ काली चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Ravidas Chalisa | रविदास चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from SmartMag about art & design.

    Demo
    Don't Miss

    Shiva Aahvaan Mantra

    Blog 03/01/2025

    शिव आवाहन मंत्र भगवान शिव के मुख्य मंत्रों में से एक है, जिसका उपयोग उनकी…

    Laxmi Chalisa | माँ लक्ष्मी चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Kali Chalisa | माँ काली चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Ravidas Chalisa | रविदास चालीसा (2025)

    25/12/2024
    Our Picks

    Shiva Aahvaan Mantra

    03/01/2025

    Laxmi Chalisa | माँ लक्ष्मी चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Kali Chalisa | माँ काली चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Ravidas Chalisa | रविदास चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from SmartMag about art & design.

    Demo
    About Us
    About Us

    Your source for the chalisa aarti mantra vrat katha article. This site is crafted specifically to exhibit the use of the help for religious people. Visit our main page for more chalisa aarti vrat katha mantra.

    We're accepting new partnerships right now.

    Email Us: sampurnchalisa.in@gmail.com
    Contact: +91-91553-99135

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
    Our Picks

    Shiva Aahvaan Mantra

    03/01/2025

    Laxmi Chalisa | माँ लक्ष्मी चालीसा (2025)

    25/12/2024

    Kali Chalisa | माँ काली चालीसा (2025)

    25/12/2024
    Categories
    • Aarti
    • Blog
    • Chalisa
    • Featured
    • Trending
    © 2025 Sampurna Chalisa | All Right Reserved.
    • About Us
    • Contact Us
    • Disclaimer
    • Privacy Policy
    • Affiliate Disclosure
    • Terms and Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.