गणेश वन्दना
गजानन भूतगणधि सेवितं, कपिल्य जम्बु फल वारु भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाश कारकं, नमामि विघ्लेशवर पाव पंकजम्।।
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः।
गुरु साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
शान्ताकारम् भुजंग शयनम पदमनाभम् सुरेशम्।
विश्वाधारम् गगन सदृश्यम् मेघवर्णम् शुभागम्।।
लक्ष्मीकांतम् कमलनयनम् योगिर्भिध्यान गम्यम्।
वन्दे विष्णु भवभय हरम्, सर्व लोकैकनाथम्।।
नीलाम्बुज श्यामल कोमलाङ्गं सीता समारोपित वाम भागम।
पाणौ महासायक चारू चापं, नमामि रामं रघुवंश नाथम॥
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्र हारम्
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि ॥
जय -जय गिरिवर राज किशोरी । जय महेश मुख चन्द चकोरी।।
जय गजबदन षडाननमाता ।जगत जननी दामिनी दुति गाता।