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॥ दोहा ॥ श्रीराधे वृषभानुजा , भक्तानी प्राणाधार |वृन्दाविपिन विहारिन्नी , प्रन्नावोम बारम्बार || जैसो तैसो रवारोऊ , कृष्ण -प्रिय…

॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम बुध,जय गुरु भृगु…

॥ दोहा ॥कनक बदन कुण्डल मकर,मुक्ता माला अङ्ग।पद्मासन स्थित ध्याइए,शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥जय सविता जय जयति दिवाकर!।सहस्रांशु!…

|| दुर्गा चालीसा ||नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।तिहूँ लोक…

|| दोहा ||बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥ जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज।करहु…

॥ दोहा ॥श्री गुरु चरण चितलाय,के धरें ध्यान हनुमान।बालाजी चालीसा लिखे,दास स्नेही कल्याण॥ विश्व विदित वर दानी,संकट हरण हनुमान।मैंहदीपुर में…